अडानी ग्रुप-हिंडनबर्ग रिसर्च मामले में (Adani-Hindenburg case) में एक नया ट्विस्ट आया है। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research ने विकीपीडिया (Wikipedia) के इंडिपेंडेंट न्यूजपेपर The Signpost का एक आर्टिकल ट्वीट किया है।
इसमें आरोप लगाया गया है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) ने sock puppet के जरिए विकीपीडिया में की गई एंट्रीज में छेड़छाड़ की। एक दशक से अधिक समय से sock puppet ने गौतम अडानी, उनके परिवार और कारोबार के बारे में अतिशयोक्ति भरी और झूठी बातें लिखी हैं। sock puppet इंटरनेट पर सक्रिय ऐसे फर्जी खातों को कहते हैं, जो ब्लॉग, फोरम, विकिपीडिया और फेसबुक तथा ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति या मुद्दे के पक्ष में जनमत तैयार करते हैं।
The Signpost के मुताबिक इन sock puppet में कुछ कंपनी के कर्मचारी भी हैं। उन्होंने नॉन-न्यूट्रल सामग्री जोड़ने तथा सूचना पर विकिपीडिया की चेतावनियों को हटाने का काम किया। Hindenburg Research ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर खातों में हेराफेरी, शेयर की कीमतों को बढ़ाने तथा मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए थे।
अडाणी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। लेकिन इससे अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है और उसका मार्केट कैप करीब 11 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है। अडानी की नेटवर्थ में भी 70 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
कैसे किया यह काम
विकिपीडिया ने 20 फरवरी की ‘भ्रामक सूचना रिपोर्ट’ में इस बात का उल्लेख किया है। ‘क्या उन्होंने (अडानी) और उनके कर्मचारियों ने विकिपीडिया लेखों से संबंधित नॉन-न्यूट्रल पीआर वर्जन्स के जरिए विकिपीडिया के पाठकों को धोखा देने की कोशिश की?’ इस सवाल के जवाब में रिपोर्ट में कहा गया, ‘उन्होंने निश्चित रूप से ऐसा किया।’
रिपोर्ट के मुताबिक, 40 से अधिक sock puppet या अघोषित रूप से भुगतान पाने वाले एडिटर्स ने अडानी परिवार और पारिवारिक व्यवसायों पर नौ लेख लिखे या संशोधित किए। इनमें से कई ने कई लेखों को संपादित किया और नॉन न्यूट्रल कंटेंट को जोड़ा। विकिपीडिया ने कहा कि इन ‘sock puppet’ को बाद में प्रतिबंधित या ब्लॉक कर दिया गया।
विकीपीडिया में कोई भी व्यक्ति किसी भी पेज को एडिट कर सकता है या आर्टिकल्स में सुधार कर सकता है। लेकिन यह न्यूट्रिलिटी के प्रिंसिपल पर काम करता है। विकीपीडिया के मुताबिक अडानी के बारे में कुछ जानकारी को कंपनी के कर्मचारियों ने एडिट किया। उन्होंने साथ ही अडानी की पत्नी, बेटे, भतीजे और ग्रुप की कंपनियों के बारे में भी जानकारी को एडिट किया।
अडानी के बारे में आर्टिकल 2007 में शुरू हुआ था लेकिन 2012 में तीन एडिटर्स ने उनके बारे में जानकारी को एडिट किया। इसी तरह परिवार के सदस्यों और ग्रुप के बारे में भी जानकारी को एडिट किया गया। अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने इस बारे में भेजे गए ईमेल को जवाब नहीं दिया।