Monday, December 11, 2023

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी का पूजन, जानें महत्व और उपाय

आज चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का दूसरा दिन है। चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि को मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Maa brahmacharini Puja) की जाती है और व्रत रखा जाता है। श्वेत वस्त्र धारण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी एक हाथ में जप माला और दूसरे में कमंडल धारण करती हैं। वे बहुत ही शांत और सरल स्वाभाव की माता हैं।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Chaitra Navratri Maa brahmacharini Puja) करने वाले अपने पथ पर अडिग रहते हैं। वे अपने लक्ष्य से भटकते नहीं हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तप किया, उस दौरान जो उनका स्वरूप था, वही मां ब्रह्मचारिणी कहलाती हैं। जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व के बारे में।

मां ब्रह्मचारिणी पूजा मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ 22 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट से हुआ है और यह तिथि आज 23 मार्च को शाम 06 बजकर 20 मिनट तक है। आज चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन (Chaitra Navratri Maa brahmacharini Puja) सर्वार्थ सिद्धि योग और इंद्र योग बना हुआ है। ये दोनों योग पूरे दिन और रात हैं। आज रेवती नक्षत्र में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व

मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। व्यक्ति दृढनिश्चय के साथ अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहना है। व्यक्ति की संकल्प शक्ति मजबूत होती है। त्याग, ब्रह्मचर्य, वैराग्य, तप जैसे गुणों की प्राप्ति होती है।

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र

  • पूजा मंत्र: ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
  • बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
  • प्रार्थना मंत्र: दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

आज प्रात: स्नान के बाद मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति स्थापित करें। फिर उनकी पूजा करें। मां ब्रह्मचारिणी को अक्षत्, फूल, कुमकुम, गंध, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि चढ़ाते हैं। यदि संभव हो तो आप उनको चमेली के फूलों की माला अर्पित करें। फिर उनको शक्कर चढ़ाएं। इस दौरान मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करते रहें। इसके बाद आप दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। पूजा का समापन मां ब्रह्मचारिणी की आरती से करनी चाहिए।

नवरात्रि के दूसरे दिन करें ये उपाय (Maa Brahmacharini Upay)

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों के साथ चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन माता को चांदी की वस्तु भी अर्पित की जाती हैं। इस दिन शिक्षा या ज्ञान के लिए आप मां सरस्वती की भी पूजा कर सकते हैं। भोग लगाने के बाद घर के सभी सदस्यों को दें। ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों को लंबी आयु का वरदान मिलता है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाएं।

मां ब्रह्माचारिणी आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

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