Monday, December 11, 2023

‘हिंसा मुक्त भारत’ हम हर एक विचारधारा, धर्म, जाति, लिंग, वर्ग की हिंसा के खिलाफ हैं।

राष्ट्र प्रथम
लखनऊ। सभी धर्मों ने इंसानों को साथ मे मिल जुलकर रहने की सीख दी है। हमारा देश सदैव से सर्वधर्म सद्भाव को व्यवहार में लाता रहा है। हमे बचपन से ही सिखाया गया है कि कोई हमसे अलग विचार का भी हो, हमे उसके विचार का आदर करना है और उससे प्रेम करना है। आज लोग हिंसा को हमारे देश की संस्कृति और धर्म से जोड़ रहे हैं, यह बिल्कुल ही गलत बात है। हमारा देश, प्रेम और सद्भावना का प्रतीक है। यहाँ मौजूद हर धर्म ने इसी प्रेमभाव को सींचा है। जो सच्चा भारतीय है, वह तो हिंसा के विरुद्ध ही रहेगा। हमारा देश जिसकी मूल भावना सहिष्णुता है, वह ऐसे हिंसक विचार के विरुद्ध ही रहेगा।
यह बात राजधानी के कैसरबाग स्थित गांधी भवन के सभागार में बहुजन एकता मंच के बैनर तले आयोजित ‘हिंसा मुक्त भारत’ सम्मेलन में खचाखच भरे जनसमूह से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वर्चुअल सम्बोधन में कही। चौधरी राकेश टिकैत एक आन्दोलन के चलते सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो सके।
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे मंच के चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता एस.एस नेहरा ने कहा कि भारत में आज जाति और धर्म को लेकर के जगह-जगह हिंसाएं हो रही हैं जो मानवता के प्रति अपराध है। हम भारत के मूल निवासी आज एक मंच पर दलित पिछड़े व अल्पसंख्यक समाज के जागरूक व बुद्धिजीवी लोग मिलकर पूरे देश में यही संदेश देना चाहते हैं कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में हिंसा मुक्त सरकार बने तभी ‘हिंसा मुक्त भारत’ बन सकेगा।
बीएचयू की प्रोफेसर डॉ इंदु चौधरी ने कहा कि हिंसा मुक्त भारत हमारी संस्कुति है। जिसके लिए हमें अपने घरों से अहिंसक देवताओं की जगह अहिंसक देवताओं की पूजा करनी होगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी नरेन्द्र पाल सिंह वर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ों यात्रा निकालकर हिंसा मुक्त भारत अभियान को मजबूती प्रदान की है। जिसके बाद देश को एक आवाज मिली जो आगामी लोकसभा चुनाव में हिंसा मुक्त भारत से आमजन को जोड़ेगी। समाजवादी अध्णिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट के.के पाल ने कहा कि हिंसा को न्याय व्यवस्था ने रोक रखा है। बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने कहा था कि संविधान कितना ही अच्छा क्यों न हो यदि उसके संचालकों की नियत ठीक नहीं है तो उसका परिणाम बुरा होगा। खत्तिय पंचशील महासंघ के प्रदेश प्रमुख तीरथ राज वर्मा ने कहा कि भारत, संस्कृतियों, परंपराओं और विविध समुदायों की समृद्ध छवि वाला देश है। भारत के विगत एक दशक से विभिन्न हिस्सों हिंस की भयावह तस्वीर सामने से गुजर रही है। हिंसा मुक्त भारत अभियान के आयोजक पूर्व आईएएस अधिकारी एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हीरा लाल ने कहा कि बहुजन एकता मंच अभियान के माध्यम से खुली चर्चा और सक्रिय समाधान के लिए एक मंच प्रदान करना चाहती है जो हिंसा मुक्त भारत का मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष फिरोज अहमद ने कहा कि हिंसा मुक्त भारत बनाने के अपने संकल्प को मज़बूत कीजिये। यह आपका ही संकल्प है क्योंकि आपमें से कोई भी देश की ऐसी सूरत नही चाहता, जहाँ किसी की भी हत्या कर दी जाए। हम हर एक विचारधारा, धर्म, जाति, लिंग, वर्ग की हिंसा के खिलाफ हैं।
मंच का संचालन हिंसा मुक्त भारत अभियान के सहसंयोजक रामकुमार गौतम ने किया। इस आयोजन में दलित, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समाज के दर्जनों संगठनों ने शिरकत की। इस सम्मेलन में प्रमुख रूप से कर्नल आर. एल राम, डॉ लालती देवी, सप्रीम कोर्ट एडवोकेट पी.आई जोस, डा. मुलायम सिंह यादव, हसन आरिफ अंसारी, महेश राठी, के.सी पिप्ल, कामरेड फूल चन्द्र यादव आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस मौके पर आर.आर जायसवाल, पी.एन प्रसाद, पी.सी कुरील, रामचन्द्र पटेल, रामसजीवन, सुरेश उजाला आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisements
आपकी राय
Live Tv
Market Live
अन्य खबरे
यह भी पढ़े