
विभिन्न परिसरों और प्रोग्राम्स में 17,000 से अधिक ग्रेजुएट्स को उपाधियाँ प्रदान की गईं।
तरुण कुमार
नेशनल : प्रतिष्ठित संस्थान, बिट्स पिलानी द्वारा अपनी विशिष्ट विरासत को आगे बढ़ाते हुए पिलानी परिसर में दीक्षांत समारोह 2025 का आयोजन किया गया। पिलानी परिसर में 1,706 विद्यार्थियों को बीई, एमएससी, एमई और पीएचडी कार्यक्रमों में उपाधियाँ प्रदान की गईं, जबकि सभी परिसरों, कार्यक्रमों और वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स (डब्ल्यूआईएलपी) में कुल 17,014 उपाधियाँ दी गईं।
दीक्षांत समारोह में बिट्स पिलानी के कुलाधिपति और आदित्य बिरला समूह के चेयरमैन, श्री कुमार मंगलम बिरला; भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़; और बिट्स पिलानी के कुलपति प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव मौजूद थे। इन गणमान्य लोगों की उपस्थिति से विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक उत्कृष्टता, दूरदर्शी नेतृत्व और सामाजिक प्रभाव की गहरी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।
ग्रेजुएट होने वाले बैच को संबोधित करते हुए, श्री कुमार मंगलम बिरला ने कहा, “शिक्षा केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है; यह एक ज़िम्मेदारी है। यह दीक्षांत समारोह एक औपचारिक उपलब्धि से बढ़कर है। यह बिट्स पिलानी में आपके सामूहिक सफर और भविष्य में आपके द्वारा निभाई जाने वाली बड़ी भूमिका का प्रतिनिधित्व करता है। हम यहाँ नए बुनियादी ढाँचे, शैक्षणिक नवाचार, या वैश्विक विस्तार द्वारा जो परिवर्तन ला रहे हैं, वह आप जैसे विद्यार्थियों की महत्वाकांक्षाओं और उपलब्धियों से प्रेरित है। आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे आप उत्कृष्टता, जिज्ञासा और योगदान की एक ऐसी विरासत बनाते जाते हैं, जो आने वाले सालों में बिट्स पिलानी को परिभाषित करती रहेगी।
बिट्स पिलानी के ग्रेजुएट्स के पास न केवल तकनीकी कौशल है, बल्कि वो दिशा देने, महत्वपूर्ण चुनौतियों को हल करने और ईमानदारी के साथ परिवर्तन लाने में भी समर्थ हैं। मैं आप सभी से उद्देश्य और सहानुभूति के साथ नेतृत्व करने का आग्रह करता हूँ।”
इस वर्ष ग्रेजुएट हुआ समूह बिट्स पिलानी की समावेशिता की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। इस साल विभिन्न कार्यक्रमों में ग्रेजुएट हुए विद्यार्थियों में 26.8% यानी 4,563 छात्राएं थीं। संस्थान द्वारा इतिहास में अब तक सबसे अधिक 268 पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 46.3% उपाधियाँ छात्राओं ने हासिल कीं। इसके अलावा, इस साल डब्ल्यूआईएलपी में 12,192 विद्यार्थियों ने ग्रेजुएट की उपाधि हासिल की, जिससे वर्किंग प्रोफेशनल्स को परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने में बिट्स पिलानी की महत्वपूर्ण भूमिका प्रदर्शित होती है।
दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक नवाचार, वैश्विक सहयोग और बुनियादी ढाँचे के विकास में बिट्स पिलानी द्वारा की गई महत्वाकांक्षी प्रगति उजागर हुई। संस्थागत घोषणाओं में प्रोजेक्ट विस्तार को जारी रखने की घोषणा भी की गई। इस अभियान का उद्देश्य विश्वविद्यालय को विकास के अगले चरण में मदद करने के लिए परिसर के बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है। इसके अंतर्गत अमरावती में AI+ परिसर का विकास किया जा रहा है, जहाँ नई विकसित होती हुई टेक्नोलॉजी, इंटरडिसिप्लिनरी अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक गठबंधनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, बिट्स पिलानी डिजिटल के शुभारंभ से वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए अनुकूलित उद्योग-केंद्रित लचीले लर्निंग प्रोग्राम द्वारा संस्थान की ऑनलाइन शिक्षा पेशकशों में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा।
बिट्स पिलानी के कुलपति, प्रोफ़ेसर वी. रामगोपाल राव ने ग्रेजुएट होने वाले विद्यार्थियों और संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा, “आज, हम आपके शैक्षणिक सफर के समापन के साथ व्यवसायिक सफर शुरू होने का जश्न मना रहे हैं। हमारे ग्रेजुएट उस दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ चुस्ती, सहानुभूति और इनोवेशन की मांग है।”
बिट्स पिलानी परिसर के डायरेक्टर, प्रोफ़ेसर सुधीर कुमार बरई ने कहा, “इस अवसर पर मैं हमारे पूर्व छात्रों की भूमिका की भी सराहना करता हूँ। उन्होंने मार्गदर्शन, वित्त पोषण और सहयोग के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे शिक्षा और उद्योग जगत के बीच संबंध स्थापित करने में मदद मिली।”
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने स्नातक हो रहे छात्रों को संबोधित करते हुए कहा:”जब आप इस कॉलेज से बाहर निकलें, तो यह याद रखें कि आपकी इंजीनियरिंग या विज्ञान की असली सफलता सिर्फ इसमें नहीं है कि आपने कितनी जटिल चीज़ें बनाई हैं, बल्कि इसमें है कि क्या आपने अपनी जानकारी और काम से उन लोगों की मदद की है जो अब तक पीछे छूट गए थे — जिन तक न्याय, सम्मान और बराबरी के मौके नहीं पहुँच पाए थे।आज जो भी तकनीक हम बनाते हैं, उसके साथ हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है। हमें नई चीज़ें बनाने का साहस रखना चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें इस तरह से समझाना भी आना चाहिए कि आम लोग भी जान सकें कि ये तकनीकें उनके जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं।””हर तकनीकी समाधान में संवेदना हो, हर खोज में विनम्रता हो, और हमारे संविधान के मूल्य — जैसे समानता, स्वतंत्रता और न्याय — हमेशा आपकी सोच और आपके रास्ते को रोशनी दिखाते रहें। जब आप अपने ज्ञान से कुछ नया बनाएं, तो कोशिश करें कि वह समाज के लिए अच्छा साबित हो।”
संस्थान की परंपरा के अनुरूप विभिन्न परिसरों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक पिलानी परिसर के कुलकर्णी देव श्री, गोवा परिसर के अश्मन मेहरा, हैदराबाद परिसर के तारिमाला विग्नेश रेड्डी और सिद्धार्थ यायावरम (ब्रैकेटेड) तथा दुबई परिसर की रिद्धि गोस्वामी को प्रदान किया गया। इन विद्यार्थियों ने शैक्षणिक अटलता, अनुशासन और लगन की मिसाल पेश की, जिसके लिए बिट्स पिलानी मशहूर है।
संस्थान द्वारा दी गईं 2,500 डॉक्टरेट उपाधियाँ इसे एक शिक्षण संस्थान से एक वैश्विक अनुसंधान केंद्र के रूप स्थापित करती हैं। पूर्व छात्रों की भागीदारी भी बढ़ रही है। पिछले साल शुरू किए गए 100 मिलियन डॉलर के एंडोमेंट फंड के लिए 25 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि पहले ही एकत्रित हो चुकी है। इस राशि का उपयोग सभी परिसरों में छात्रवृत्ति, अनुसंधान, उत्कृष्टता केंद्रों और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। पूर्व छात्रों की उदारता व भागीदारी परोपकारी योगदानों और सक्रिय मार्गदर्शन, पाठ्यक्रम सहयोग तथा नवाचार के कार्यक्रमों में भी स्पष्ट दिखाई दी।
इस साल बिट्स पिलानी से ग्रेजुएट हुआ बैच यहाँ पर बढ़ते अनुसंधान को दर्शाता है। इस साल रिकॉर्ड स्तर पर 268 पीएचडी उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें से कई नए उद्योग-संबद्ध कार्यक्रमों जैसे इम्पैक्ट और ड्राइव के लिए दी गई हैं। बिट्स पिलानी निरंतर अनुसंधान और नवाचार में आगे बढ़ रहा है। संस्थान को वित्त वर्ष 2024-25 में 270 परियोजनाओं के लिए ₹186 करोड़ से अधिक का वित्तपोषण प्राप्त हुआ तथा यहाँ से 179 नए पेटेंट दर्ज किए गए। आरएमआईटी, आयोवा स्टेट और बफैलो जैसे विश्वविद्यालयों के साथ वैश्विक गठबंधनों से 2+2 अंतर्राष्ट्रीय डिग्रियों और संयुक्त पीएचडी कार्यक्रमों को काफ़ी बढ़ावा मिला।
2025 के दीक्षांत समारोह में अपने संस्थान और क्षेत्रों को अपने योगदान से नए मानक स्थापित करने वाले पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया। विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार दक्षिण कैरोलिना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, प्रोफेसर अमित शेठ; महिंद्रा इलेक्ट्रिक के सीनियर एडवाइज़र मेंटर और पूर्व सीईओ, अरविंद मैथ्यू; टीसीआईएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, संजीव कुमार; डिक्सन टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, अतुल बी. लाल; नेटस्कोप के सीटीओ और संस्थापक, कृष्ण नारायणस्वामी और मलेशिया में भारतीय उच्चायुक्त, बी.एन. रेड्डी को प्रदान किए गए।
विशिष्ट सेवा पुरस्कार कोठारी ग्रुप, कैनेडा के चेयरमैन, नवरत्न (नॉर्टन) कोठारी; भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम), तन्मय लाल; ईटीएससी कंप्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं सीईओ, कैलाश गुप्ता; और कंप्यूटर शिक्षा के संस्थापक एवं सीईओ राकेश सूरी को दिए गए। यंग अचीवर पुरस्कार प्रसिद्ध वैदिक वक्ता और लेखक, दुष्यंत श्रीधर और विजिट हेल्थ के सह-संस्थापक, वैभव सिंह, चेतन आनंद, अनुराग प्रसाद और शाश्वत त्रिपाठी को प्राप्त हुए।