
राष्ट्र प्रथम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली : गंगा दशहरा एवं विश्व पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर राजधानी दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, लोधी रोड में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शीर्षक था — “हिमालय और गंगा को बचाओ – पर्यावरण की पुकार” , जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय संकटों के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ावा देना था। इस सार्थक पहल के आयोजक किशोर उपाध्याय, ए. के. बाजपेयी एवं अधिवक्ता डॉ. हिमांशु उपाध्याय रहे।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री चेतन शर्मा ने गंगा के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की आस्था और जीवनशैली का अभिन्न अंग है। गंगा दशहरा जैसे पवित्र अवसर पर इस विषय पर चर्चा बेहद सार्थक और समयानुकूल है।”
कार्यक्रम में पर्यावरण एवं प्रशासनिक क्षेत्रों से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियों ने भी शिरकत की और अपने विचार साझा किए। इनमें शामिल रहे, श्री जी. वी. के. शास्त्री, श्री श्यामल सरकार, डॉ. अविनाश मिश्रा, श्री सिन्हा, श्री सुरेश कुमार भंडारी (सेवानिवृत्त IAS), श्री अर्जुन सिंह राणा, श्री होशियार सिंह रावत ।
सभी वक्ताओं ने हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने और गंगा नदी के घटते जल स्तर को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पर्यावरण संरक्षण को केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बनाना होगा। इसके लिए हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।
कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ संवाद नहीं, बल्कि एक ठोस जन जागरूकता अभियान की शुरुआत करना था। आयोजकों ने इसे जन आंदोलन का स्वरूप देने का संकल्प लिया और लोगों से इसमें सक्रिय रूप से शामिल होने की अपील की।
अंत में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में संदेश दिया , “गंगा बचेगी, हिमालय बचेगा — तभी भारत का भविष्य बचेगा!”