राष्ट्र प्रथम
गुड़गांव । पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी कौशल निगम की कच्ची भर्तियों के जरिए पढ़े-लिखे युवाओं का शोषण कर रही है।
उन्होंने कहा कि निगम के तहत लगे कर्मियों को ना उचित वेतन मिलता है, ना पेंशन और ना ही जॉब सिक्युरिटी। हमेशा उनके सिर पर काम से निकाले जाने की तलवार लटकती रहती है।
लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मियों को नीति बनाकर उनकी योग्यतानुसार पक्का किया जाएगा। भविष्य में हरियाणा को युवाओं को कच्ची नौकरियों के जंजाल से छुटकारा दिलाने के लिए खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां की जाएंगी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज इंटक हरियाणा के अध्यक्ष अमित यादव द्वारा आयोजित ‘कामगार अधिकार सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान, कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज व गुरुग्राम से कांग्रेस उम्मीदवार रहे राज बब्बर,पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया,पंकज डावर समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
उपस्थित जनसमूह को अपने संबोधन में हुड्डा ने कहा कि हरियाणा को आगे बढ़ाने में श्रमिक कामगारों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनको उचित सम्मान व वेतनमान दिलवाने के लिए ही कांग्रेस कार्यकाल के दौरान एक विस्तृत श्रमिक नीति बनाई गई थी।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस की हरियाणा सरकार ने देश में सबसे ज्यादा न्यूनतम दिहाड़ी और मनरेगा मजदूरी निर्धारण की थी। भविष्य में भी देश में सबसे ज्यादा मनरेगा मजदूरी और न्यूनतम दिहाड़ी देने के लिए हरियाणा कांग्रेस पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी श्रम कानूनों के साथ खिलवाड़ करके गरीब श्रमिकों को शोषण की दलदल में धकेल रही है। क्योंकि बीजेपी निजीकरण में विश्वास रखती है तो कांग्रेस राष्ट्रीयकरण में भरोसा करती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपनी निजीकरण वाली नीति को शिक्षा के क्षेत्र में भी लागू कर दिया है। ताम गरीब, मजदूर, श्रमिकों, कामगारों, एससी व ओबीसी के बच्चों को पढ़ाने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश में हजारों स्कूल खोले थे।
लेकिन बीजेपी ने मर्जन के नाम पर 5 हजार स्कूलों को बंद कर दिया। कॉलेज और यूनिवर्सिटीज की फीस भी बेतहाशा बढ़ाई जा रही है।
क्योंकि बीजेपी नहीं चाहती कि गरीब श्रमिकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा हासिल हो।
लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर ऐसी तमाम नीतियों पर ब्रेक लगाई जाएगी जो गरीब, मजदूर व किसान विरोधी होगी।
हुड्डा ने ऐलान किया कि कांग्रेस सरकार बनने पर बुजुर्गों को 6000 रुपये पेंशन और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
हरियाणा में भी राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर गरीब परिवारों के लिए 25 लाख रुपये के मुफ्त इलाज की योजना लागू की जाएगी। महंगाई से राहत देने के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 500 में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। फिर से गरीब, श्रमिक, एससी और ओबीसी के लिए 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट व मकान देने की योजना को शुरू की जाएगी। पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ देने के लिए क्रीमी लेयर की लिमिट को 6 से बढ़ाकर 10 लाख किया जाएगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौधरी उदयभान ने कहा कि देश के गरीब श्रमिकों की आवाज को उठाने के लिए इंटेक का गठन किया गया था। कामगारों के लिए कांग्रेस ने मजबूत लेबर कानून बनाए थे और लेबर कोर्ट खोली गईं थीं। कांग्रेस सरकार ने 8 घंटे से ज्यादा काम करवाने पर मजदूर को ऑवर टाइम का दोगुना वेतन देने जैसे कानून लागू किए थे। साथ ही महिलाओं को काम की जगह पर शोषण से बचाने के लिए अलग कानून बनाए थे। लेकिन बीजेपी ने उनमें बदलाव करके पूंजीपतियों के लिए शोषण के रास्ते खोल दिए। श्रम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 कर दिए। पूंजीपतियों को अधिकार दे दिया कि वो जब चाहे किसी मजदूर को काम से बाहर कर सकते हैं।
चौ. उदयभान ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा ऐसी नीतियां अपनाई हैं जो गरीबों पर मार की तरह पड़ी हैं। नोटबंदी उसका एक उदाहरण है। बिना सिर-पैर के इस फैसले से 168 लोगों की मौत हो गई। लाखों छोटे उद्योगों पर ताले लग गए और 12 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया। नोटबंदी की सबसे ज्यादा मार गरीब श्रमिकों को ही झेलनी पड़ी थी।
उसके बाद कोरोना और लॉकडाउन का शिकार भी सबसे ज्यादा यहीं गरीब तबका हुआ। हमें याद है कि कैसे गरीब मजदूरों को सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाना पड़ा था। कईयों की तो रास्ते में ही मौत हो गई थी। लेकिन उनकी हालत देखकर बीजेपी सरकार का दिल नहीं पसीजा था।
प्रदेश की बीजेपी सरकार ने भी पीपीपी और प्रोपर्टी आईडी के जरिए इसी तबके को निशाना बनाया। इनमें 90-95 प्रतिशत तक गलतियां पाई गईं। फैमिली आईडी के जरिए साढ़े नौ लाख गरीबों का पीला राशन कार्ड और पौने पांच लाख बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई।
चौधरी उदयभान ने कहा कि गरीब श्रमिकों के बच्चों को स्कूली शिक्षा से वंचित करने के मकसद से इस सरकार ने लगभग 5 हजार स्कूलों को बंद कर दिया। बाकि स्कूलों की हालत ऐसी बना दी कि 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय तक नहीं। 138 स्कूलों में लड़कों के लिए भी शौचालय नहीं है। 326 में चारदीवारी और 266 में बिजली तक नहीं है। स्कूलों में 8246 कमरों की कमी है। फिर भी इस सरकार ने 10,676 करोड़ का बजट सरेंडर कर दिया।
इसीलिए हाईकोर्ट ने सरकार पर 5 लाख का जुर्माना लगाना पड़ा। बीजेपी ने ही कांग्रेस द्वारा शुरू की गई सौ-सौ गज के प्लाट बांटने की योजना को बंद किया था।
क्योंकि ये सरकार गरीबों का भला देख ही नहीं सकती। लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से इस योजना को शुरू किया जाएगा। गरीब, श्रमिकों, एससी व ओबीसी परिवारों को 2 कमरे का मक्का मकान बनाकर दिया जाएगा। साथ ही श्रमिकों को जीवन बीमा का कवर दिया जाएगा।